भारतीय संस्कृति का विदेशो में प्रचार – प्रसार

भारतीय संस्कृति का विदेशो में प्रचार – प्रसार          प्राचीनकाल से ही भारत का संसार के अन्य देशों से घनिष्ठ सम्बन्ध रहा है। इस बात के साक्ष्य हमें सिंधु सभ्यता के अवशेषों के समय से मिलते हैं। लेकिन भारत के अन्य देशों से सम्बन्धों में प्रगाढ़ता छठी सदी ई.पू. से हुई और विभिन्न साक्ष्यों से … Read more

मौर्यकाल में कला, संस्कृति व वास्तुकला

मौर्यकालीन कला, संस्कृति व वास्तुकला             मौर्यकाल में शांति, सम्पन्नता, वैभव व एक केन्द्रीय शासन व्यवस्था व राजकीय संरक्षण ने कला को प्रोत्साहित किया। कला व वास्तुकला का प्रथम संगठित रूप सर्वप्रथम मौर्यकाल में ही दिखाई देता है। मौर्यकाल में ही सर्वप्रथम बड़े पैमाने पर कला के क्षेत्र में पाषाण … Read more

भूगोल में द्वैतवाद | क्रमबद्ध एवं प्रादेशिक भूगोल में व्याप्त द्वैतवाद

भूगोल में द्वैतवाद  (क्रमबद्ध एवं प्रादेशिक भूगोल में व्याप्त द्वैतवाद )     प्राचीन ग्रीक युग से आज तक भूगोल के विभिन्न पक्षों का अध्ययन व अनुसंधान किया जाता रहा है। ग्रीक युग में गणितीय भूगोल तथा रोमन युग में विभिन्न प्रदेशों के भूगोल का अध्ययन स्ट्रेबो ने किया। नवीन प्रवृत्तियों के समावेश तथा अनेक चुनौतियों के … Read more

क्रांतिकारी भूगोल | अतिवादी भूगोल का वर्णन

✍️क्रांतिकारी भूगोल / अतिवादी भूगोल का विकास         क्रांतिकारी भूगोल मात्रात्मक क्रान्ति के विरोधाभाव स्वरूप विकसित हुई। यह मार्क्सवादी विचारधारा की प्रयुक्ति है। 1969 में क्लार्क विश्वविद्यालय, मेसाचुसेट्स में Antipode नामक एक भौगोलिक शोध पत्रिका के प्रथम अंक में से क्रांतिकारी भूगोल का जन्म हुआ। इसके विकास में विलियम बुंगी तथा डेविड हार्वे ने परम्परागत पूँजीवादी … Read more

आचरण भूगोल या व्यवहारवादी भूगोल की व्याख्या

आचरण भूगोल या व्यवहारवादी भूगोल की व्याख्या       भूगोल में मनुष्य के सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक क्रिया-कलापों के अध्ययन का विशेष महत्व होता है। इस दृष्टि से भूगोल सामाजिक विज्ञानों में अपना विशिष्ट स्थान बनाने में सफल रहा है, लेकिन इसके विधि तन्त्र तथा लक्ष्यों को लेकर उभरे असन्तोष के परिणामस्वरूप 1960 के दशक में भूगोल … Read more

विडाल डी ला ब्लाश एवं जीन ब्रुन्स का फ्रांसीसी विचारधारा के विकास में योगदान 

✍️ विडाल डी ला ब्लाश का योगदान         विडाल डी ला ब्लाश को मानव भूगोल का संस्थापक माना जाता है। ब्लाश ने 1865 में पेरिस शिक्षण संस्थान ‘Ecole Normale Superieure’ से इतिहास तथा भूगोल दोनों विषयों की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने कुछ समय तक एथेन्स के फ्रांसीसी स्कूल में अध्यापक का कार्य करके 1872 ई. में … Read more

टॉलेमी का भूगोल में योगदान

टॉलेमी का भूगोल में योगदान          क्लॉडियस टॉलेमी के जन्मस्थान के सम्बन्ध में विद्वानों के विचार में पर्याप्त मतभेद पाये जाते हैं। सामान्यतया विभिन्न इतिहासकारों के मतानुसार टॉलेमी का जन्म 90 ई. में टॉलेमस हरसी नामक स्थान पर हुआ माना जाता है। अन्य इतिहासकारों के अनुसार टॉलमी का जन्म स्थान पेल्यूसियस नगर को माना जाता … Read more

प्रेम रंग में दीवानी मीरा ~ करुणा व प्रेम का प्रतीक लोकदेवता बाबा रामदेव ~ रामसा पीर, रुणेचा रा धणी, पीरां रा पीर श्रीकृष्ण को सर्वोत्तम मित्र क्यों माना जाता है ? परमाणु क्या होता है ? आप जानते हो ! झाँसी की रानी के रहस्मयी तथ्य सुनीता विलियम्स ~ भारतीय मूल की अन्तरिक्ष यात्री पारिवारिक सम्बंध में हमारे रिश्तों की पहचान क्या होती है ? क्या आप पदार्थ (Matter) के बारे में जानते है ?🤔 सरदार भगतसिंह क्यों बने क्रन्तिकारी ? भूमण्डलीय स्थितीय तंत्र (GPS – Global Positioning System ) International Pushkar Fair