श्रीकृष्ण की मित्रता से संबंधित अनेकानेक कथाएँ भी प्रचलित हैं।  श्रीकृष्ण ने  पाण्डवों का  विशेष रूप से साथ दिया था ।

श्रीकृष्ण अर्जुन की बुआ के पुत्र थे। परंतु इससे बढ़कर वे अर्जुन के मित्र अधिक थे।

श्रीकृष्ण ने जयद्रथ का वध करने का आदेश देकर अर्जुन की प्रतिज्ञा पूर्ण करवाकर उसके प्राण बचाए।

श्रीकृष्ण ने मित्रता से  द्रोपदी  की चीर हरण से लाज बचाई थी 

सुदामा श्रीकृष्ण के सहपाठी थे।उन्होंने गुप्त रूप से अपने मित्र की अत्याधिक सहायता की।

केरल में प्रसिद्ध गुरुवायूर नगर मंदिरों का नगर है। गुरुवार मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण विराजमान हैं।

इस मंदिर में पूजा बड़ी व्यवस्थापूर्ण ढंग से होती है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में भक्तगण दर्शनार्थ आते हैं।

एक दिन पुजारी के  अचानक अस्वस्थ हो जाने के कारण अपने पुत्र को पूजा के लिए भेजा।

बालक की बाल सुलभ हृदय की पवित्रता देखकर एवं उसकी करुण पुकार सुनकर श्रीकृष्ण ने मानव रूप में आकर भोग स्वीकार किया।

भगवद्गीता में भगवन श्रीकृष्ण को सर्वोत्तम मित्र की संज्ञा दी गई है |