प्राचीन  भारत  में  शिक्षा  का  विकास

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प्राचीन भारतीय सभ्यता विश्व की सर्वाधिक रोचक तथा महत्त्वपूर्ण सभ्यताओं में से एक है। इस सभ्यता के समुचित ज्ञान के लिए हमें इसकी शिक्षा पद्धति का अध्ययन करना आवश्यक है, जिसने इस सभ्यता को चार हजार वषों से भी अधिक समय तक सुरक्षित रखा। प्राचीन भारतीयों ने शिक्षा को अत्यधिक महत्व प्रदान किया। भौतिक तथा … Read more

मौर्यकाल में कला, संस्कृति व वास्तुकला

मौर्यकालीन कला, संस्कृति व वास्तुकला             मौर्यकाल में शांति, सम्पन्नता, वैभव व एक केन्द्रीय शासन व्यवस्था व राजकीय संरक्षण ने कला को प्रोत्साहित किया। कला व वास्तुकला का प्रथम संगठित रूप सर्वप्रथम मौर्यकाल में ही दिखाई देता है। मौर्यकाल में ही सर्वप्रथम बड़े पैमाने पर कला के क्षेत्र में पाषाण … Read more

गणतंत्र दिवस: भारतीय संविधान के महोत्सव का आदर्श आचरण | Indian Republic Day

गणतंत्र दिवस: भारतीय संविधान के महोत्सव का आदर्श आचरण प्रस्तावना: भारतीय राष्ट्र का महत्वपूर्ण महोत्सव, गणतंत्र दिवस, हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन भारतीय संविधान के प्रमुख अंगों की स्थापना के रूप में मनाया जाता है और देशभर में इसे बड़े उत्साह और श्रद्धाभाव से धूमधाम से मनाया जाता है। इस … Read more

भूगोल में द्वैतवाद | क्रमबद्ध एवं प्रादेशिक भूगोल में व्याप्त द्वैतवाद

भूगोल में द्वैतवाद  (क्रमबद्ध एवं प्रादेशिक भूगोल में व्याप्त द्वैतवाद )     प्राचीन ग्रीक युग से आज तक भूगोल के विभिन्न पक्षों का अध्ययन व अनुसंधान किया जाता रहा है। ग्रीक युग में गणितीय भूगोल तथा रोमन युग में विभिन्न प्रदेशों के भूगोल का अध्ययन स्ट्रेबो ने किया। नवीन प्रवृत्तियों के समावेश तथा अनेक चुनौतियों के … Read more

क्रांतिकारी भूगोल | अतिवादी भूगोल का वर्णन

✍️क्रांतिकारी भूगोल / अतिवादी भूगोल का विकास         क्रांतिकारी भूगोल मात्रात्मक क्रान्ति के विरोधाभाव स्वरूप विकसित हुई। यह मार्क्सवादी विचारधारा की प्रयुक्ति है। 1969 में क्लार्क विश्वविद्यालय, मेसाचुसेट्स में Antipode नामक एक भौगोलिक शोध पत्रिका के प्रथम अंक में से क्रांतिकारी भूगोल का जन्म हुआ। इसके विकास में विलियम बुंगी तथा डेविड हार्वे ने परम्परागत पूँजीवादी … Read more

आचरण भूगोल या व्यवहारवादी भूगोल की व्याख्या

आचरण भूगोल या व्यवहारवादी भूगोल की व्याख्या       भूगोल में मनुष्य के सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक क्रिया-कलापों के अध्ययन का विशेष महत्व होता है। इस दृष्टि से भूगोल सामाजिक विज्ञानों में अपना विशिष्ट स्थान बनाने में सफल रहा है, लेकिन इसके विधि तन्त्र तथा लक्ष्यों को लेकर उभरे असन्तोष के परिणामस्वरूप 1960 के दशक में भूगोल … Read more

विडाल डी ला ब्लाश एवं जीन ब्रुन्स का फ्रांसीसी विचारधारा के विकास में योगदान 

✍️ विडाल डी ला ब्लाश का योगदान         विडाल डी ला ब्लाश को मानव भूगोल का संस्थापक माना जाता है। ब्लाश ने 1865 में पेरिस शिक्षण संस्थान ‘Ecole Normale Superieure’ से इतिहास तथा भूगोल दोनों विषयों की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने कुछ समय तक एथेन्स के फ्रांसीसी स्कूल में अध्यापक का कार्य करके 1872 ई. में … Read more

प्रेम रंग में दीवानी मीरा ~ करुणा व प्रेम का प्रतीक लोकदेवता बाबा रामदेव ~ रामसा पीर, रुणेचा रा धणी, पीरां रा पीर श्रीकृष्ण को सर्वोत्तम मित्र क्यों माना जाता है ? परमाणु क्या होता है ? आप जानते हो ! झाँसी की रानी के रहस्मयी तथ्य सुनीता विलियम्स ~ भारतीय मूल की अन्तरिक्ष यात्री पारिवारिक सम्बंध में हमारे रिश्तों की पहचान क्या होती है ? क्या आप पदार्थ (Matter) के बारे में जानते है ?🤔 सरदार भगतसिंह क्यों बने क्रन्तिकारी ? भूमण्डलीय स्थितीय तंत्र (GPS – Global Positioning System ) International Pushkar Fair