प्राचीन  भारत  में  शिक्षा  का  विकास

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प्राचीन भारतीय सभ्यता विश्व की सर्वाधिक रोचक तथा महत्त्वपूर्ण सभ्यताओं में से एक है। इस सभ्यता के समुचित ज्ञान के लिए हमें इसकी शिक्षा पद्धति का अध्ययन करना आवश्यक है, जिसने इस सभ्यता को चार हजार वषों से भी अधिक समय तक सुरक्षित रखा। प्राचीन भारतीयों ने शिक्षा को अत्यधिक महत्व प्रदान किया। भौतिक तथा … Read more

गुप्तकालीन कला और साहित्य

गुप्तकालीन कला और साहित्य कला और साहित्य की दृष्टि से गुप्तकाल को भारतीय इतिहास का स्वर्ण-युग कहा जाता है। गुप्तकाल में ही मंदिर निर्माण कला का जन्म हुआ। ये मंदिर नागर शैली के हैं। गुप्तकालीन मन्दिर         गुप्तकालीन मंदिरों का प्रारम्भ गर्भगृह के साथ हुआ जिसमें देवमूर्ति की स्थापना की जाती थी। यहाँ तक पहुँचने … Read more

भारतीय संस्कृति का विदेशो में प्रचार – प्रसार

भारतीय संस्कृति का विदेशो में प्रचार – प्रसार          प्राचीनकाल से ही भारत का संसार के अन्य देशों से घनिष्ठ सम्बन्ध रहा है। इस बात के साक्ष्य हमें सिंधु सभ्यता के अवशेषों के समय से मिलते हैं। लेकिन भारत के अन्य देशों से सम्बन्धों में प्रगाढ़ता छठी सदी ई.पू. से हुई और विभिन्न साक्ष्यों से … Read more

मौर्यकाल में कला, संस्कृति व वास्तुकला

मौर्यकालीन कला, संस्कृति व वास्तुकला             मौर्यकाल में शांति, सम्पन्नता, वैभव व एक केन्द्रीय शासन व्यवस्था व राजकीय संरक्षण ने कला को प्रोत्साहित किया। कला व वास्तुकला का प्रथम संगठित रूप सर्वप्रथम मौर्यकाल में ही दिखाई देता है। मौर्यकाल में ही सर्वप्रथम बड़े पैमाने पर कला के क्षेत्र में पाषाण … Read more

गणतंत्र दिवस: भारतीय संविधान के महोत्सव का आदर्श आचरण | Indian Republic Day

गणतंत्र दिवस: भारतीय संविधान के महोत्सव का आदर्श आचरण प्रस्तावना: भारतीय राष्ट्र का महत्वपूर्ण महोत्सव, गणतंत्र दिवस, हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन भारतीय संविधान के प्रमुख अंगों की स्थापना के रूप में मनाया जाता है और देशभर में इसे बड़े उत्साह और श्रद्धाभाव से धूमधाम से मनाया जाता है। इस … Read more

ढूंढाड़ स्कूल | जयपुर चित्रकला शैली | शेखावाटी शैली

ढूंढाड़ स्कूल | जयपुर चित्रकला शैली  🐅 अलवर शैली यह शैली सन् 1775 ई. मे जयपुर से अलग होकर ‘राव राजा प्रतापसिंह’ के राजत्व मे स्वंत्रत अस्तित्व प्राप्त कर सकी। उनके राजकाल मे ‘शिवकुमार और डालूराम’ नामक दो चित्रकार जयपुर से अलवर आये।  अलवर कलम जयपुर चित्रकला की एक उपशैली मानी जाती हैं।   डालूराम भिति … Read more

दक्खिनी चित्र शैली | भारत की चित्रकला

दक्खिनी चित्र शैली | भारत की चित्रकला ऐतिहासिक  पृष्ठभूमि            14वीं  शताब्दी  में  दक्षिण  भारत  के  दो  महत्वपूर्ण  राज्यों का  उदय  भारतीय  कला  इतिहास  में  कला  विकास  की  दृष्टि  से उल्लेखनीय  है।  1336  ईस्वी  में  स्थापित  विजयनगर  साम्राज्य और  1347  ईस्वी  में  स्थापित  बहमनी  सल्तनत।  इन  दोनों रियासतों  के  मध्य  संघर्ष  चलता  रहा  परन्तु  विविध  कलाओं  … Read more

प्रेम रंग में दीवानी मीरा ~ करुणा व प्रेम का प्रतीक लोकदेवता बाबा रामदेव ~ रामसा पीर, रुणेचा रा धणी, पीरां रा पीर श्रीकृष्ण को सर्वोत्तम मित्र क्यों माना जाता है ? परमाणु क्या होता है ? आप जानते हो ! झाँसी की रानी के रहस्मयी तथ्य सुनीता विलियम्स ~ भारतीय मूल की अन्तरिक्ष यात्री पारिवारिक सम्बंध में हमारे रिश्तों की पहचान क्या होती है ? क्या आप पदार्थ (Matter) के बारे में जानते है ?🤔 सरदार भगतसिंह क्यों बने क्रन्तिकारी ? भूमण्डलीय स्थितीय तंत्र (GPS – Global Positioning System ) International Pushkar Fair