भक्ति आन्दोलन और सांस्कृतिक समन्वय

rajgyan

        प्राचीन भारतीय हिन्दू दर्शन के अनुसार मोक्ष प्राप्त करना ही अथवा जीवन-मरण के बन्धन से छुटकारा प्राप्त करना ही जीवन का अन्तिम लक्ष्य है। मोक्ष प्राप्ति के तीन मार्ग बतलाये गये हैं- ज्ञान, कर्म और भक्ति। सल्तनत काल (1206-1526 ई.) में कई हिन्दू सन्तों और सुधारकों ने हिन्दू धर्म के लिए एक आन्दोलन प्रारम्भ … Read more

कबीर दोहावली | Kabir Ke Dohe

कबीर दोहावली दुख में सुमरिन सब करे, सुख में करे न कोय ।  जो सुख में सुमरिन करे, दुख काहे को होय ॥ 1 ॥   तिनका कबहुँ न निंदिये, जो पाँयन तर होय ।  कबहुँ उड़ आँखिन परे, पीर घनेरी होय ॥ 2 ॥   माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर … Read more

प्रेम रंग में दीवानी मीरा ~ करुणा व प्रेम का प्रतीक लोकदेवता बाबा रामदेव ~ रामसा पीर, रुणेचा रा धणी, पीरां रा पीर श्रीकृष्ण को सर्वोत्तम मित्र क्यों माना जाता है ? परमाणु क्या होता है ? आप जानते हो ! झाँसी की रानी के रहस्मयी तथ्य सुनीता विलियम्स ~ भारतीय मूल की अन्तरिक्ष यात्री पारिवारिक सम्बंध में हमारे रिश्तों की पहचान क्या होती है ? क्या आप पदार्थ (Matter) के बारे में जानते है ?🤔 सरदार भगतसिंह क्यों बने क्रन्तिकारी ? भूमण्डलीय स्थितीय तंत्र (GPS – Global Positioning System ) International Pushkar Fair